राम जी की आरती, Ram Ji Ki Arti in Hindi: राम जी, हिंदू धर्म के महानायकों में से एक हैं। वे अवतारी भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। रामचंद्र जी का जन्म आयोध्या में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा दशरथ था और माता का नाम कौशल्या था।
राम जी का जीवन उनके धर्म और नैतिकता के प्रतीक के रूप में माना जाता है। उन्होंने सच्चे धर्म और न्याय की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी पत्नी सीता, उनके आदर्श और प्रेम का प्रतीक हैं।
रामायण, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें राम जी के जीवन का विवरण दिया गया है। उनके वीरता, धर्म के प्रति समर्पण, और न्यायप्रिय व्यवहार की कहानियाँ हमें धार्मिक और नैतिक मूल्यों को सीखने का अवसर प्रदान करती हैं।
राम जी को भारतीय समाज में आदर्श पुरुष, पति, और भक्त के रूप में पूजा जाता है। उनके जन्मदिन को ‘राम नवमी’ के रूप में मनाया जाता है और उनकी कथाओं को भारतीय लोक कला, संगीत, और नाट्य में भी उजागर किया जाता है।
राम जी की आरती (Ram Ji Ki Arti in Hindi)
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
राम जी की आरती जो कोई नर गावे | कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे |
चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरो | बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत दमरु बजावत |
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
रामचंद्र की आरती जो कोई नर गावे | कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे |
एकान्त सिता तुम्हारी, तुम्हारे द्वार समाना | जनक सुता विद्या दाता, श्रद्धा भक्ति सम्पूर्ण धाम ध्याना |
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
रामचंद्र की आरती जो कोई नर गावे | कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे |
राम दूत अतुलित बलधामा | अंजनि पुत्र पवनसुत नामा |
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
रामचंद्र की आरती जो कोई नर गावे | कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे |
आरती कीजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की |
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
रामचंद्र की आरती जो कोई नर गावे | कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे |
जय रघुवीर समर्थ | जय रघुवीर समर्थ | पावन सुत हनुमान की जय |
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