श्री राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता और एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्हें ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ या ‘रघुकुल श्रीराम’ के नाम से जाना जाता है। श्रीराम का कथा महाकाव्य रामायण में मिलता है, जो संस्कृत और आदिकाव्य वालीमिकि द्वारा रचा गया था।
श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र थे और उनका जीवन कार्यक्षेत्र त्रेतायुग में घटित हुआ था। राम का जीवन और उनके धर्मपरायण चरित्र ने उन्हें एक आदर्श पुरुष बना दिया है।
रामायण के अनुसार, श्रीराम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए अपने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास गुजारा। उनकी पतिव्रता, धर्मनिष्ठा और सामर्थ्य के लिए उन्हें पूजा जाता है। श्रीराम ने लंका के राक्षस राजा रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को मुक्त किया और अयोध्या में वापस लौटकर अपने पिता के राज्य को संभाला।
उनकी विचारशीलता, धर्मनिष्ठा, और सच्चे मानवीय गुणों के लिए श्रीराम को हिन्दू धर्म में आदर्श पुरुष माना जाता है। उनके जीवन और उनके बारे में कई काव्य, ग्रंथ, भजन और कई रामलीला महोत्सवों के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है।
श्री राम का जन्म कब और कहां हुआ था
श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। वेदों और पुराणों के अनुसार, श्रीराम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। उनका जन्म मास, चैत्र मास कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि (नवरात्रि के नवमी दिन) को हुआ था। इस दिन को हिन्दू पंचांग में श्रीराम नवमी या राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।
श्रीराम का जन्मकाल सन् 5114 ईसा पूर्व (बीसवीं शताब्दी के आस-पास) माना जाता है। यह जानकारी रामायण, महाभारत, पुराण और अन्य हिन्दू धर्मिक ग्रंथों से ली जाती है।
राम जी का असली नाम क्या है
श्रीराम का असली नाम “राम” है। वे “मर्यादा पुरुषोत्तम” और “रघुकुल श्रीराम” के नामों से भी पुकारे जाते हैं, लेकिन उनका मुख्य और प्रमुख नाम “राम” है।
श्रीराम के सम्बंधित सभी पुराणिक जनक वंश की सूची
- ब्रह्मा
- पुत्र: मनु
- मनु
- पुत्र: श्रवणकश्यप
- श्रवणकश्यप
- पुत्र: काकुदुंडल
- काकुदुंडल
- पुत्र: काकुस्थ
- काकुस्थ (विश्राम)
- पुत्र: दिलीप
- दिलीप
- पुत्र: भगीरथ
- भगीरथ
- पुत्र: श्रुतकीर्ति
- श्रुतकीर्ति
- पुत्र: नाबाग
- नाबाग
- पुत्र: अम्बरीष
- अम्बरीष
- पुत्र: नहुष
- नहुष
- पुत्र: ययाति
- ययाति
- पुत्र: पुरु
- पुरु
- पुत्र: आयु
- आयु
- पुत्र: नहुष
- नहुष (फिर से)
- पुत्र: ययाति
- ययाति (फिर से)
- पुत्र: यदु
इस प्रकार, श्रीराम के पुराणिक वंश में उनके पितामह से लेकर उनके अग्रदाता तक के सभी पुराणिक उल्लेखित वंशज शामिल हैं।